जबकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मुंह जबानी आदेश देने से न सिर्फ परहेज करें, बल्कि ऐसे आदेशों पर कनिष्ठ अधिकारी कोई अमल न करें.
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इनमें दो महाप्रबंधकों की लेटरल पोस्टिंग भी शामिल थी, जबकि आर्डर जारी होने के एक दिन बाद ही ' सुपर लेटरल पोस्टिंग ' के जबानी आदेश पर श्री वी. एन. त्रिपाठी को मेट्रो रेलवे से कोलकाता में ही रखते हुए पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक का चार्ज दे दिया गया, जबकि रे. बो. के आदेश में श्री त्रिपाठी को लेटरल ट्रांसफर में द. रे. किया गया था.